आपके और हमारे छोटे छोटे कदम पर्यावरण के नाम

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ARTICLE ON ENVIRONMENT PROTECTION:  ( BI Desk) पर्यावरण जीवन की अनमोल धरोहर है। पांच तत्वों से बना पर्यावरणीय जीव, जीवन को जीने योग्य बना सकता है। हर कोई जो भी यहां रह रहा हैं उसे पता होना चाहिए की पर्यावरण हमारे लिए क्यों जरूरी है। हम सांस ले रहे हैं क्योंकि आसपास पेड़ पौधे है। हम पानी पी रहे हैं क्योंकि हमारे आसपास पानी के कई स्रोत है। हम चल पा रहे हैं क्योंकि हमारे पास धरती है। पृथ्वी जल वायु अग्नि और आकाश। हमें सब कुछ मिला है, हमारे ऊपर है हम इसका उपयोग करते हैं या दुरुपयोग। पर्यावरण को दूषित कर रहे तत्वों से हम सबको सावधान रहने की आवश्यकता है।

RESULT OF YOUR OWN COMFORT

पर्यावरण को बचाने के लिए आपका कदम महत्वपूर्ण हो सकता है। कुछ आम बातें है जो आपको खास बना सकती हैं।

  1. कभी कभार पैदल चलना भी अच्छा होता है, हर वक्त गाड़ी निकाल कर जाना भी जरूरी नहीं।
  2. रेड लाइट सिगनल 🚦 ओन होने पर आप गाड़ियों को बंद करके भी अपना योगदान दे सकते हैं।
  3. AC जरूरी है माना पर क्या हम उसका उपयोग सीमित नहीं कर सकते।
  4. एक एक बूंद से सागर बनता है तो, उस एक बूंद को बचाने का जिम्मा तो हम उठा सकते हैं।
  5. जब जरूरी ना हो तब लाइट, पंखे, टीवी बंद ही रखें।
  6. मोबाइल फोन का उपयोग हम जितना करते हैं उसे थोड़ा काम करके भी हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।
  7. जब कोई आंदोलन हो उसमें जुड़कर भी हम पर्यावरण को बचा सकते हैं। जैसा की हाल फिलहाल में SAVE HCU करके हुआ था।
  8. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
  9. बेफिजूल का खर्चा भी पर्यावरण के लिए संकट ही है। कपड़ों की अंधाधुंध खरीद जहां एक और आपको एक अलग ही लुक देती है, वहीं दूसरी ओर लैंडफिल में कचरा भी बढ़ाती हैं।
  10. अपना कूड़ा कचरा अपने साथ ले जाए, नदियों में समुद्र में सड़कों पर उसे ना डालें क्योंकि वह उसकी अमानत नहीं है कचरे के डब्बे की है।
  11. आप अपने आसपास के जंगलों को साफ कर सकते हैं, हफ्ते का एक दिन निकालकर आप साथ मिलकर आओ मिलकर बचाएं पर्यावरण मुहिम की शुरुआत कर सकते हैं।

पृथ्वी हमारा घर हैं और यहां मिलने वाले हर एक तत्व पर हमारा अधिकार होने के साथ-साथ हमारी जिम्मेदारी भी है। जिम्मेदारी उसे संरक्षित रखने की, जिम्मेदारी उसका साथ देने की, कदम से कदम मिलाकर एक ताल में चलने की। पृथ्वी कई जीवों का घर है, मिलजुल कर साथ रहना हमारी प्रकृति है। जैसे-जैसे हम विकास के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं वैसे-वैसे हम प्रकृति से मिल रहे संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। पेड़ों को काटकर चौड़ी सड़के बनाई जा रही है। बड़े-बड़े कंक्रीट के महल हर जगह देखने को मिल जाया करते हैं, नौबत तो यहां तक आ गई है कि अब सांस लेना भी दूभर हो गया है।

आंखों देखा विवरण

हाल फिलहाल में गंगा किनारे बैठी हुई थी और मैंने देखा कि दो-चार लड़कियां खाना खाने के बाद डोने को गंगा में बहा रही थी। सिंदूर का पैकेट, मेहंदी का पैकेट, अपने वस्त्र नारियल, सिक्के गंगा में बहाना कहा तक उचित है। शिक्षा और जागरूकता ही इसे रोक सकती है। आप अपने परिवार से शुरू करें उन्हें समझाएं आपका एक कदम अनेकों कदमों के लिए प्रेरणा बनेगी।

यह कुछ पर्यावरण के साथ ताल से ताल मिलाकर चलने वाली संस्थाएं और लोग है, जहां आप पृथ्वी के साथ होती हुई दुर्गति को महसूस कर सकते हो।

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एक झलक कैसे आप साथी बन सकते है पर्यावरण के।

रोजमर्रा के जीवन में साइकिल का उपयोग कर पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम कर सकते हैं।
पीपल का पेड़ जो सालों से यहीं पर है और जीवन के हर क्षण को खूबसूरत बनाता है, आप भी एक पीपल का पेड़ लगा सकते हैं।
पत्तल का उपयोग कर भी हम थोड़ा सा पर्यावरण को हो रही क्षति को कम कर सकते हैं।

साथ होगा तो बात बनेगी, एक एक करके हम जुड़ते जाएंगे और ताल मेल बैठकर पृथ्वी को हरा भरा रखेंगे।

TIP OF THE DAY- Carry a water bottle with you, it’s left some good weight in 🌎 Earth from yours side.

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